- जो कल्पना से परे हो :- कल्पनातीत
- जो केन्द्र की ओर उन्मुख होता हो :- केन्द्राभिमुख
- जो सदैव हाथ में खड्ग लिए रहता हो :- खड़गहस्त
- जो कठिनाइयों से पचता है :- गरिष्ठ/गुरुपक
- जो गिरि पहाड़ को धारण करता हो :- गिरधारी
- जो चिरकाल तक बना रहे :- चिरस्थायी
- जो चर्चा का विषय हो :- चर्चित
- जो अपने स्थान से डिग गया हो :- च्युत
- जो जरायु गर्भ की थैली से जनमता है :- जरायुज
- जो यान जल में चलता हो :- जलयान
- जो तर्क योग्य हो :- तार्किक
- जो तर्क के आधार पर सही सिद्ध हो :- तर्कसंगत
- जो तीन गुणों सत्व, रज, व तम से परे हो :- त्रिगुणातीत
- जो दर्शन – शास्त्र का ज्ञाता हो :- दार्शनिक
- जो द्वार का पालन रक्षा करता है :- द्वारपाल
- जो मुश्किल से प्राप्त हो :- दुष्प्राप्य
- जो विलंब या टालमटोल से काम करे :- दीर्घसूत्री
- जो एक अक्षर भी न जानता हो :- निरक्षर
- जो तेजहीन हो :- निस्तेज
- जो अपने लाभ या स्वार्थ का ध्यान न रखता हो :- निःस्वार्थ
- जो कामना रहित हो :- निष्काम
- जो चिन्ता से रहित हो :- निश्चिंत
- जो उत्तर न दे सके :- निरुत्तर
- जो न्याय जनता हो :- नैयायिक
- जो अति बहुत लघु छोटा नहीं है :- नातिलघु
- जो अति बहुत दीर्घ बड़ा नहीं है :- नातिदीर्घ
- जो नृत्य करता है :- नृत्यकार/नर्तक
- जो नीचे लिखा गया है :- निम्नलिखित
- जो अपने पथ से भटक गया हो :- पथभ्रष्ट
- जो पिंड से जनमता है :- पिंडज
- जो उक्ति बार – बार कही जाय :- पुनरुक्ति
- जो किसी का प्रतिनिधित्व किसी की जगह काम करता है :- प्रतिनिधि
- जो शीघ्र किसी बात या युक्ति को सोच ले :- प्रत्युत्पन्नमति
- जो प्रणाम करने योग्य हो :- प्रणम्य
- जो विषय विचार में आ सकता है :- विचारगम्य
- जो विश्वास करने योग्य हो :- विश्वसनीय
- जो विश्व का हित चाहता है :- विश्वहितैषी
- जो व्याख्या करता हो :- व्याख्याता
- जो शक्ति का उपासक हो :- शाक्त
- जो पूछने योग्य हो :- प्रष्टव्य
- जो प्रिय बोलता हो :- प्रियवादी
- जो पृथ्वी से सम्बन्धित हो :- पार्थिव
- जो दूसरे के अधीन हो :- पराधीन
- जो प्रशंसा के योग्य हो :- प्रशंसनीय
- जो अपने मातृभूमि छोड़ विदेश में रहता हो :- प्रवासी
- जो केवल फल खाकर निर्वाह करता हो :- फलाहारी
- जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके :- बुद्धिजीवी
- जो भाग्य की धनी हो :- भाग्यवान
- जो भू धारण करता है :- भूतेश
- जो पृथ्वी के गर्भ भीतर के हाल/शास्त्र जानता हो :- भूगर्भवेत्ता/भूगर्भशास्त्री
- जो मछली का आहार करता है :- मत्स्याहारी
- जो हाथों से मुक्त है अर्थात अधिक देने वाला :- मुक्तहस्त
- जो एक स्थान पर टिक कर नहीं रहता :- यायावर
- जो युद्ध में स्थिर रहता है :- युधिष्ठिर
- जो क्रम के अनुसार हो :- यथाक्रम
- जो रंग नाट्य का मंच स्टेज है :- रंगमंच
- जो रथ पर सवार है :- रथी
- जो राज्य या राजा से द्रोह करे :- राजद्रोही
- जो राजनीति जानता है :- राजनीतिज्ञ
- जो भूमि का हिसाब – किताब रखता हो :- लेखपाल
- जो आसानी से पचता हो :- लघुपाक
- जो वर्णन के बाहर हो :- वर्णनातीत
- जो पूर्ण रूप से बहरा हो :- वज्रबधिर
- जो मुकदमा दायर करता है :- वादी /मुदई
- जो कोई वस्तु वहन करता है :- वाहक
- जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो :- विधर्मी
- जो विश्व भर का बंधु है :- विश्वबंधु
- जो विषयों में आसक्त्त है :- विषयासक्त
- जो तेज चलता हो :- शीघ्रगामी
- जो सुनने योग्य हो :- श्रोतव्य/श्रवणीय
- जो सुनने में मधुर हो :- श्रुतिमधुर
- जो संगीत जनता हो :- संगीतज्ञ
- जो सबको एक समान देखता है :- समदर्शी
- जो किसी सभा का सदस्य हो :- सभासद
- जो सबको प्यारा है :- सर्वप्रिय
- जो सव्य बायें हाथ से हथियार आदि चलाने में सध हुआ हो :- सव्यसाची
- जो नाटक का सूत्र धारण संचालन करता है :- सूत्रधार
- जो दया के साथ दयालु है :- सदय
- जो सरलता से बोध्य समझने योग्य हो :- सुबोध
- जो सर्वशक्तिसंपन्न है :- सर्वशक्तिमान
- जो स्मरण करने योग्य है :- स्मरणीय
- जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का हो :- स्त्रैण
- जो स्वयं ही सिद्ध ठीक हो :- स्वयंसिद्धजिसके पाणि हाथ में चक्र है :- चक्रपाणि विष्णु
- जिसके पाणि में वज्र है :- वज्रपाणि इन्द्र
- जिसके पाणि में वीणा है :- वीणापाणि सरस्वती
- जिसके आने की तिथि मालूम न हो :- अतिथि
- जिसके शेखर पर चन्द्र हो :- चन्द्रशेखर शिव
- जिसके पार देखा जा सके :- पारदर्शक
- जिसके पार देखा न जा सके :- आपारदर्शक
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
- जिसके भीतर का तापमान समान स्थिति में रहे :- वातानुकूलित
- जिसके हृदय में ममता नहीं है :- निर्मम
- जिसके हृदय में दया नहीं है :- निर्दय
- जिसके कुल का पता ज्ञात न हो :- अज्ञातकुल
- जिसके चूड़ा पर चन्द्र रहे :- चन्द्रचूड़
- जिसके हाथ में चक्र हो :- चक्रपाणि
- जिसके विषय में उल्लेख करना आवश्यक हो :- उल्लेखनीय
- जिसके पास करोड़ों रूपये हों :- करोड़पति
- जिसके लम्बे :- लम्बे बिखरे बाल हों :- झबरा
- जिसके हृदय में ममता न हो :- निर्मम
- जिसके हृदय में दया न हो :- निर्दय
- जिसके बिना कार्य न चल सके :- अपरिहार्य
- जिसके विषय में विवाद हो :- विवादास्पद
- जिसके नख सूप के समान हो :- शूर्पणखा
- जिसके हाथ में शूल हो :- शूलपाणि शिव
- जिसके पास शक्ति न हो :- निर्बल
- जिसके हृदय में पाप न हो :- निष्पाप
- जिसके बारे में मतभेद न हो :- निर्विवाद
- जिसके पास कोई रोजगार न हो :- बेरोजगार
- जिसके लोचन आँखें सुंदर हों :- सुलोचन
- जिसके भीतर की हवा का तापमान सम स्थिति में रखा गया हो :- वातानुकूलित