अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

  • जो जन्म से अंधा हो :-   जन्मांध
  • जो किये गये उपकारों को जानता या  मानता  है :-    कृतज्ञ
  • जो किये गये उपकारों को नहीं मानता है :-   कृतघ्न
  • जो टुकड़े – टुकड़े हो गया हो :-   खंडित
  • जो क्षमा के योग्य हो :-   क्षम्य
  • जो किसी की ओर से है :-   प्रतिनिधि
  • जो बहुत जानता है :-   बहुज्ञ
  • जो स्त्री कविता लिखती है :-   कवयित्री
  • जो पुरुष कविता रचता है :-   कवि
  • जो शत्रु की हत्या करता है :-   शत्रुघ्न
  • जो मांस का आहार करता है :-   मांसाहारी
  • जो शाक का आहार करता है :-  शाकाहारी
  • जो फल का आहार करता है :-   फलाहारी
  • जो विज्ञान जनता है :-   वैज्ञानिक
  • जो व्याकरण जानता है :-   वैयाकरण
  • जो लोक में संभव न हो :-   अलौकिक
  • जो स्वार्थ  अपनी ही भलाई  चाहता है :-   स्वार्थी
  • जो परमार्थ  दूसरों की भलाई  चाहता है :-  परमार्थी
  • जो देखने में प्रिय लगता है :-   प्रियदर्शी
  • जो आसानी से लब्ध  प्राप्य  है :-   सुलभ
  • जो पर  दूसरों  के अधीन है :-   पराधीन
  • जो मन को हर ले :-   मनोहर
  • जो धर्म करता है :-   धर्मात्मा
  • जो साँप पकड़ता है :-   सँपेरा
  • जो पीने योग्य हो :-   पेय
  • जो नाचता है :-   नर्तक, नृत्यकार
  • जो कुछ नहीं जानता है :-   अज्ञ
  • जो अग्र  आगे  की बात सोचता है :-   अग्रशोची
  • जो नया आया हुआ हो :-   नवागन्तुक
  • जो भू के गर्भ  भीतर  का हाल जानता हो :-   भूगर्भवेत्ता
  • जो भू को धारण करता है :-   भूधर
  • जो सर्वशक्तिसम्पत्र है :-   सर्वशक्तिमान्
  • जो कर्त्तव्य से च्युत हो गया है :-   कर्त्तव्यच्युत
  • जो  बात  वर्णन के अतीत  बाहर  है :-   वर्णनातीत
  • जो स्त्री सूर्य भी न देख सके :-   असूर्यम्पाश्या
  • जो अत्यन्त कष्ट से निवारित किया जा सके :-   दुर्निवार
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
  • जो आग्रह सत्य हो :-   सत्याग्रह
  • जो मुकदमा दायर करता है :-   वादी
  • जो अश्र्व  घोड़े  का आरोही  सवार  है :-   अश्र्वारोही
  • जो संगीत जानता है :-   संगीतज्ञ
  • जो कला जानता है या कला की रचना करता है :-   कलाकार
  • जो सरों में जनमता है :-   सरसिज
  • जो सबमें व्याप्त है :-   सर्वव्यापी
  • जो मुकदमा लड़ता रहता है :-   मुकदमेबाज
  • जो देने योग्य है :-   देय
  • जो देखा नहीं जा सकता :-   अदृश्य
  • जो वचन से परे हो :-  वचनातीत
  • जो कहा गया है :-  कथित
  • जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का है :-   स्त्रैण
  • जो बहुत बोलता है :-   वाचाल
  • जो दूसरे से ईर्ष्या करता है :-   ईर्ष्यालु
  • जो शत्रु की हत्या करता है :-   शत्रुघ
  • जो पिता की हत्या कर चुका :-   पितृहन्ता
  • जो माता की हत्या कर चुका :-   मातृहन्ता
  • जो अपनी हत्या करता है :-   आत्मघाती
  • जो पर के अधीन है :-   पराधीन
  • जो देखने में प्रिय लगता है :-   प्रियदर्शी
  • जो नभ या  आकाश  में चलता है :-   नभचर, खेचर
  • जो द्वार का पालन  रक्षा  करता है :-   द्वारपाल
  • जो शास्त्र जानता है :-   शास्त्रज्ञ
  • जो कोई वस्तु वहन करता है :-   वाहक
  • जो पोत  जहाज  युद्ध का है :-   युद्धपोत
  • जो चक्र धारण करता है :-   चक्रधर
  • जो भेदा या तोड़ा न जा सके :-   अभेद्य
  • जो कठिनाई दुर से भेदा या तोड़ा जा सके :-   दुर्भेद्य
  • जो मापा न जा सके :-   अपरिमेय
  • जो प्रमेय  प्रमाण से सिद्ध  न हो :-   अप्रमेय
  • जो इच्छा के अधीन है :-   इच्छाधीन
  • जो दूसरे के स्थान पर अस्थायी रूप से काम करे :-   स्थानापत्र
  • जो विधि या कानून के विरुद्ध है :-   अवैध, गैरकानूनी
  • जो मन को हर ले :-   मनोहर
  • जो दायर मुकदमे का प्रतिवाद  बचाव या काट  करे :-   प्रतिवादी
  • जो राजगद्दी का अधिकारी हो :-   युवराज
  • जो व्याख्या करता है :-   व्याख्याता
  • जो साँप पकड़ता और उसका खेल करता है :-   सँपेरा
  • जो मोक्ष चाहता हो :-   मुमुक्षु
  • जो स्मरण रखने योग्य है :-   स्मरणीय
  • जो पांचाल देश की है  :-   पांचाली
  • जो किसी का पक्ष न ले :-   निष्पक्ष
  • जो यान  सवारी  जल में चलता है :-   जलयान
  • जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है :-   लौहपुरुष
  • जो खाया न जा सके :-  अखाद्य
  • जो सबके आगे रहता हो :-   अग्रणी
  • जो नेत्रों से दिखाई न दे :-   अगोचर
  • जो खाली न जाय :-   अचूक
  • जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके :-   अच्युत
  • जो छूने योग्य न हो :-   अछूत
  • जो छुआ न गया हो :-   अछूता
  • जो अपनी बात से न टले :-   अटल
  • जो अपनी जगह से न डिगे :-   अडिग
  • जो सबके मन की जनता हो :-   अंतर्यामी
  • जो बीत गया है :-   अतीत
  • जो दबाया न जा सके :-   अदम्य

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

  • जो पहले न देखा गया हो :-   अदृष्टपूर्व
  • जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो :-   अध्यादेश
  • जो परीक्षा में परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो :-   अनुत्तीर्ण
  • जो पूरा या भरा हुआ न हो :-   अपूर्ण
  • जो किसी की ओर मुँह किये हुए हो :-   अभिमुख
  • जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले :-   अरसिक
  • जो साधा  ठीक किया  न जा सके :-   असाध्य
  • जो शोक करने योग्य नहीं है :-   अशोच्य
  • जो स्त्री  ऐसी पर्दानशीन है कि  सूर्य को भी न देख सके :-   असूर्यम्पश्या
  • जो विधान या नियम के विरुद्ध हो :-   असंवैधानिक
  • जो पहले कभी न हुआ हो :-   अभूतपूर्व
  • जो सदा से चलता आ रहा है :-   अनवरत
  • जो आगे की न सोचता हो :-   अदूरदर्शी
  • जो समय पर न हो :-   असामयिक
  • जो दिया न जा सके :-   अदेय
  • जो मानव के योग्य न हो :-   अमानुषिक
  • जो हिसाब – किताब की जाँच करता हो :-   अंकेक्षक
  • जो पहले कभी घटित न हुआ हो :-   अघटित
  • जो पहले कभी नहीं सुना गया :-   अश्रुतपूर्व
  • जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो :-   आदण्डपात
  • जो आलोचना के योग्य हो :-   आलोच्य
  • जो इंद्रियों के ज्ञान के बाहर है :-   इंद्रियातीत
  • जो छाती के बल चलता हो :-   उदग  सर्प
  • जो धरती फोड़ कर जनमता है :-   उदभिज
  • जो उद्धार करता है :-   उद्धारक

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